लॉक डाउन में हुनर तराशने का यह है अच्छा तरीका, प्रिया से लें सीख

लॉक डाउन में प्रतिदिन एक पेंटिंग बना रही प्रिया,लॉक डाउन में खाली समय में तराश रही अपने हुनर को.

मिर्ज़ापुर-लॉकडाउन में घरों में रहना है तो हर कोई घर बैठे कुछ न कुछ कर है। ऐसे में नगर के वासलीगंज निवासी प्रिया सेठ ने कुछ ऐसा करने का सोचा जो उन्हें जिंदगी भर याद रहे। इसके लिए उन्होंने अपने चित्रकला के शौक को जीवंत करने फैसला किया। इसके अलावा वो लॉक डाउन में परिवार के साथ समय बिताने के लिए टाइम शेड्यूल तय कर दिया है।

नगर के स्वामी दयानंद मार्ग स्थित रिटायर्ड बैंक कर्मी वीरेंद्र कुमार सेठ की पुत्री प्रिया सेठ नगर से सेठ प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही है। उन्हें पेंटिंग करना बहुत पसंद है।लॉक डाउन होने पर उन्होंने फैसला किया कि वह प्रतिदिन एक पेंटिंग बनाकर खुद को व्यस्त रखूंगी।

ऑनलाइन पेंटिंग की क्लास लेते हुए प्रिया सेठ

सबसे पहली पेंटिंग उन्होंने शांति के देवता भगवान बुद्ध की बनाई। चित्र के माध्यम से दुनिया में शांति की अपील की। इसके बाद कोरोना वायरस और ग्लोब का मनमोहक चित्र बनाया।जिसमें दर्शाया कि किस तरह से कोरोना पूरे विश्व में फैल रहा है, उससे बचाव के लिए क्या किया जा रहा उसे दर्शाया। इसके बाद उन्होंने गणेश भगवान, साईं बाबा, भगवान शंकर , कई नेचर पेंटिंग, नगर का पक्का घाट, अपने परिचितों की स्क्रेचिंग से चित्र आदि बनाया। बीच में पेंटिंग बनाने वाली शीट खत्म हो गई थी। तो पेंटिंग में ब्रेक लगा था। दो दिन बाद एक मित्र के सहयोग से शीट मिल गया। जिसके बाद लगातार चित्र बना रही है। इसके अलावा स्कूल के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाती है। शाम को माँ किरन देवी, पिता वीरेंद्र व बहन प्राची के साथ भजन-कीर्तन करती है।कभी बहन तो कभी माँ के साथ रात का खाना भी बनाती है। रात में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करती है। प्रिया कहती है कि कोरोना की जंग में वे सरकार के साथ है लॉक डाउन से कोरोना के फैलाव में सहयोग मिला है। भागती दौड़ती जिंदगी के लॉक डाउन एक मौका भी है, जिसमें सरकार का साथ देने के साथ हम अपने उस कार्य को कर सकते है। जिसके लिए समय नहीं मिलता था।