मुम्बई मोब्लिंचिंग – साधु कल्पवृक्ष गिरी हत्या से परिजन दुःखी,9 वर्ष में ही घर किया था त्याग

भदोही महाराष्ट्र के पालघर जूना अखाड़े के दो साधु के हत्या से भदोही के लोग हतप्रभ है इसमी मृत संत कल्पवृक्ष गिरी भदोही में बचपन मे अपने परिवार को छोड़कर चले गए थे जब वे 9 वर्ष की उम्र में घर-वार छोड़ गए थे।बचपन में उनका नाम कृष्णचंद्र तिवारी था।
उनकी हत्या की खबर सुनकर परिजनों में शोक व्याप्त है। लॉकडाउन के चलते कोई महाराष्ट्र नहीं जा पाया। पालघर में रहने वाले उनके भाई दिनेश चंद्र ने पोस्टमार्टम के बाद उनके शव को नाशिक के त्र्यंबकेश्वर नाथ में समाधि दिलाई।

ज्ञानपुर तहसील क्षेत्र के वेदपुर गांव निवासी चिंतामणि तिवारी के छह पुत्रों में चौथे नंबर के पुत्र संत कल्पवृक्ष बचपन से ही वैरागी प्रवृत्ति के थे। यहां प्राथमिक विद्यालय भुसौला में कक्षा तीन में पढ़ रहे थे। उसी समय मन विरक्त हुआ और घर-बार छोड़कर महाराष्ट्र चले गए।
बचपन में उनका नाम कृष्णचंद्र तिवारी था। वहां मुंबई के वनदेवी मंदिर में गुरु ओंकारेश्वर नाथ का सानिध्य प्राप्त कर संत जीवन में रम गए। घरवालों ने कई बार उनसे घर आने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं लौटे। यहां गांव में उनके छोटे भाई राकेश चंद्र तिवारी ने बताया कि चार भाई मुंबई में ही रहते हैं।

65 वर्षीय संत की इतने लंबे समय बाद इस तरह से मौत की सूचना मिलने के बाद घरवाले स्तब्ध हैं। घरवालों की विवशता यह है कि लॉकडाउन के कारण कोई पहुंच नहीं पाया।
लगभग 30 वर्ष पूर्व नासिक के जोगेस्वरी मंदिर एक भंडारे के उनके रिश्तेदार ने उन्हें पहचानने के घर को सूचना दी थी जिसके बाद उनके घर वाले उनसे मुलाकात की थी ।पिछले माह उनकी माता का देहांत हो गया था लेकिन इच्छा के बावजूद लॉक डाउन के चलते उनकी इच्छा पूरी नही हो सकी