भतीजे आकाश आनंद को मिली मायावती की कुर्सी, बसपा के संस्थापक सदस्य ने मायावती पर लगाया यह आरोप
बसपा के संस्थापक सदस्य रहे पूर्व मंत्री व् भाजपा विधायक दीनानाथ भाष्कर ने कहा मायावती समाज को दरकिनार कर पार्टी में वंशवाद को दे रही बढ़ावा
भदोही। आगरा में गठबंधन के संयुक्त जनसभा में बसपा सुप्रीमो मायावती के भतीजे आकाश आनन्द को मायावती के कुर्सी पर बैठाए जाने पर राजनीतिक हलके में बसपा के वारिस को लेकर अटकलें तेज हो गयी हैं वहीं बसपा में वंशवाद को लेकर एक बहस भी छिड़ गई है। इसे लेकर बसपा के संस्थापक सदस्य रहे पूर्व मंत्री व भाजपा के विधायक दीनानाथ भाष्कर ने सवाल उठाते हुए मायावती पर सियासी हमला बोला है।
दीनानाथ भाष्कर ने कहा कि बसपा में भी इस बात को लेकर बहस छिड़ी है कि यह उचित नही है। मायावती पार्टी में वंशवाद को बढ़ावा दे रही हैं। पार्टी के सभी लोग जान रहे हैं कि इससे वंशवाद बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि जो लोग पार्टी के लिए मर-जी रहे हैं उनसे मायावती का कोई लेना देना नही है। उन्होंने समर्पित लोगो को दरकिनार कर अपने भतीजे को पार्टी में लाकर दलित समाज पर थोपने का काम किया है। उन्होंने ने कहा कि बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर ने जीते जी किसी को अपना वारिस नही बनाया था। उनके शिष्यों ने जब उनसे पूछा तो उन्होंने कहा कि उनके न रहने पर जो कारवां लेकर आगे बढ़ेगा वही उनका वारिसदार होगा। लेकिन कांशीराम ने उस विचार को किनारे कर के मायावती को आगे बढ़ाया। जिसकी वो हकदार नही थी। उसके बाद मायावती ने वंशवाद को बढ़ाते हुए अपने भाई-भतीजे को पार्टी में शामिल किया है जबकि उनके भाई-भतीजे का पार्टी में कोई योगदान नहीं है। मायावती सपा, राजद, कांग्रेस की तरह बसपा में वंशवाद को बढ़ावा दे रही हैं जो बिल्कुल गलत है और बाबा साहब के विचारों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि मायावती की पार्टी में जो भी आगे बढ़ता है उंसके ऊपर कोई न कोई आरोप लगाकर वो निकाल देती हैं। वो कब किसको इस्तेमाल करेंगी और कब दरकिनार कर देंगी यह किसी को पता नही। ऐसे मायावती दलित समाज का भला नही कर सकती हैं। मायावती की अब पोल खुलने लगी है और यह सच्चाई दलित समाज के लोग भी जान चुके हैं जिसका परिणाम इस चुनाव में देखने को जरूर मिलेगा।
गौरतलब हो कि बुधवार को आगरा में सपा-बसपा- रालोद गठबंधन की जनसभा थी। चुनाव आयोग के 48 घण्टे के प्रतिबंध के बाद मायावती इस जनसभा में नही जा सकी जिससे मंच पर उनके भतीजे आकाश आनन्द को उनकी जगह कुर्सी दी गयी थी। आकाश आनन्द मंच पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, आरएलडी चीफ चौधरी अजित सिंह और बसपा महासचिव सतीश मिश्रा के साथ बैठे नजर आए जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज हो गयी है कि क्या यह बसपा सुप्रीमो मायावती का अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी चुनने का तरीका है?