सुप्रिया बरनवाल पहले भी पोस्टकार्ड पर लिख चुकी हैं सुंदरकांड, हनुमान चालीसा
भदोही। कोरोना वायरस से बचाव के लिए किए गए लाकडाउन में लोग किताब पढ़ने, मूवी देखने और नई नई रेसिपी बनाने के साथ अलग अलग काम कर टाइम पास कर रहे हैं लेकिन भदोही जिले की एक गृहणी ने लाकडाउन में जो कार्य किया वो अद्भुत, अनोखा और बेमिसाल है। गृहणी सुप्रिया बरनवाल ने एक पोस्टकार्ड पर बेहद सूक्ष्म अक्षरों में 21 हजार बार राम लिखा है। अक्षर इतने सूक्ष्म की उसको पढ़ने के लिए सूक्ष्मदर्शी लेंस की जरूरत पड़ जाय। अपने अद्वितीय कौशल के बदौलत सुप्रिया पहले भी पोस्टकार्ड पर सुंदरकांड, हनुमान चालीसा और कई आरतियां लिख चुकी हैं।
सुप्रिया बरनवाल भदोही जिले के देवनाथपुर की रहने वाली हैं। सुप्रिया ने बताया कि इस बार उन्होंने पोस्टकार्ड पर राम लिखने की शुरुआत जनवरी में किया था लेकिन बच्चों को स्कूल भेजने के साथ घरेलू काम के कारण समय न मिलने के कारण यह अधूरा पड़ा था लेकिन लाकडाउन में जब समय मिला तो पोस्टकार्ड पर 21100 बार राम लिखने में सफलता मिल गयी। पोस्टकार्ड के पते वाली जगह पर शीर्षक के तौर पर उन्होंने लिखा है की ‘राम मात्र दो अक्षर नही, भारत की सांस्कृतिक विरासत और सनातन धर्म की पहचान है’।
सूक्ष्म लिखावट की इस अद्वितीय कौशल की पहचान सुप्रिया को तब हुई जब उन्हें पढ़ाई के दौरान ऊन्हे लगा कि की वो बहुत छोटा लिखती हैं और वो इससे भी छोटा लिख सकती हैं। और उन्होंने पोस्टकार्ड पर लिखने की शुरुआत की।
उन्होंने पोस्टकार्ड पर सुन्दरकांड, हनुमान चालीसा के साथ कई आरतियां और मंत्र लिखे हैं। इसके लिए सुप्रिया का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज किया जा चुका है।