शिक्षकों के व्यावसायिक उन्नयन को पंख दे रहा यूपी एडुलीडर्स
डॉ हिल्लोल मुखर्जी से शिक्षकों ने सीखे बाल विकास के सिद्धांत
भदोही, 12 जून। परिषदीय स्कूलों में शिक्षा के उन्नयन और गुणात्मक सुधार के लिए एसआईएटी एवं एडुलीडर्स उत्तर प्रदेश कृत संकल्पित है। लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण से उपजे हालातों से निपटने की चुनौती पर ‘ऑनलाइन वेब सेमिनार’ काफी सहायक सिद्ध हो रहा है। शुक्रवार को त्रिपुरा के प्रख्यात मनोवैज्ञानिक डॉ. हिल्लोल मुखर्जी ने बाल विकास पर अपने विचार रखे।
डा. हिल्लोल मुखर्जी अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मनोवैज्ञानिक है जो समय समय पर मानव संसाधन मंत्रालय भारत सरकार के लिए भी काम करते हैं। डा.मुखर्जी ने पीपीटी के माध्यम से बाल विकास के सिद्धांतों की बारीकियों से सभी शिक्षकों को अवगत कराया। शिक्षकों को उन्होंने बताया कि आप बच्चों से
जुड़ कर उन्हें कैसे प्रेरित कर सकते हैं। सत्र में अन्य विशेषज्ञ के रूप में डायट प्रवक्ता डा. राजेश कुमार पांडेय, प्रोफेसर प्रियंक कुमार शिवम त्रिपुरा से जुड़े
माइक्रोसॉफ्ट टीम के माध्यम से ऑनलाइन अपनी बात रखी।
ऑनलाइन वेब सेमिनार’ शिक्षकों के प्रश्नों का समाधान भी किया गया। कार्यक्रम के जनपद के संयोजक मुकुल कुमार सिंह प्राथमिक विद्यालय पूरेरिसालसिंह, औराई ने बताया कि यह कदम राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक डा. सर्वेष्ठ मिश्रा की प्रेरणा से लिया गया है और हम सबका प्रयास है कि इस कोरोना महामारी में सभी शिक्षक अपने शैक्षणिक उत्थान के लिए कार्य करें। ऑनलाइन वेब सेमिनार’
कार्यक्रम 20 जून तक संचालित रहेगा। जिसमें राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई शिक्षाविद शामिल होंगे। इस दौरान विनोद बिंद, बीएल पाल, जया त्रिपाठी, अनुपम, माया त्रिपाठी, सुनीता तिवारी, छाया पाठक, आकांक्षा शंखधर, राम लाल सिंह यादव, रविन्द्र बच्चन सहित समेत 100 से अधिक शिक्षक जुड़े और डा. हिल्लोल मुखर्जी जैसे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मनोवैज्ञानिक के विचारों का लाभ उठाया।