रंगनाथ मिश्र बसपा प्रत्यासी ने नामांकन रदद् करने की मांग
बीजेपी प्रत्यासी बसपा से तीन बार थे विधायक
टिकट मिलने कुछ दिन पहले बसपा से आये थे बीजेपी में
भदोही लोकसभा चुनाव में नामांकन पत्रों की जांच के बाद एक ऐसा मामला आया जिससे विपक्षी पार्टियों को भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ एक बड़ा मौका मिल गया है। भारतीय जनता पार्टी के रमेश चंद बिंद के नामांकन पत्र के भाग ख में अपने को बहुजन समाज पार्टी का प्रत्याशी बताया है । इस बात का खुलासा होने के बाद गठबंधन के बसपा प्रत्याशी रंगनाथ मिश्रा ने प्रेस वार्ता करके रमेश चंद का पर्चा खारिज करने की मांग की उन्होंने कहा कि जब 20 प्रत्याशियों के छोटी-छोटी गलतियों पर उन का पर्चा खारिज किया जा सकता है तो भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी का नामाकन क्यों नहीं खारिज किया गया उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के दबाव के कारण भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रमेश चंद्र का नामांकन खारिज नही किया गया |
,नामांकन पत्र को देखने पर स्पष्ट हो रहा है कि प्रथम भाग हलफनामा में रमेश चंद्र ने अपने को भाजपा प्रत्याशी कहते हुए लिखा है लेकिन आगे उसके भाग ख अपने को बहुजन समाज पार्टी का प्रत्याशी बताया है रमेश चंद दिन मझवां से बहुजन समाज पार्टी से तीन बार विधायक रहे हैं टिकट मिलने से पहले बहुजन समाज पार्टी से विधायक थे कुछ दिनों पूर्व वह यहीं से बसपा गठबंधन का टिकट मांग रहे थे उनकी जगह टिकट रंगनाथ मिश्रा को दिया गया इसके बाद रमेश चंद बंद को बसपा से निष्कासित कर दिया था,उसके बाद भाजपा ने उनको यहां से टिकट दे दिया उनके बहुजन समाज पार्टी लिखने से उनकी मुश्किलें बढ़ सकती है विपक्ष पर सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि प्रशासन भाजपा के दबाव में काम कर रहा है वहीं मामले में जिलाधिकारी राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि प्रत्याशी के फॉर्म ए और बी में सही जानकारी है लेकिन प्रारूप 26 में उन्होंने जो जानकारी दी है उस आधार पर पर्चा रदद् नही किया जा सकता है। आने वाले समय में यह मुद्दा रमेश चंद दिन के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है विपक्षी है उस बात को प्रसारित करेंगे कि उनका नामांकन भविष्य में भी खारिज और अमान्य किया जा सकता है ऐसे में वोट गठबंधन को दें अगर यह बात विपक्षी फैलाने में कामयाब रहे तो गठबंधन को बड़ा फायदा हो सकता है इसका फायदा कांग्रेस प्रत्याशी रमाकांत यादव उठा सकते हैं पिछड़ों का बहुत सारा वोट बीजेपी में जा रहा था लेकिन पर्चा खारिज होने की बात अगर निचले लेवल तक पहुंचाने में प्रत्याशी सफल रहे है तो वोट डायवर्जन किया जा सकता है हालांकि इन सबके बीच राजनीतिक गतिविधियां आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए इसके पूर्व रमेश चंद इन पर हाई स्कूल पास होने के पश्चात उन्हें डॉक्टर लगने का आरोप लगाया गया था जिस पर उन्होंने सफाई दी थी ।
क्या है मामला
नामांकन पत्र के दो भाग होते क और ख रमेश बिंद के 26 पेज के अपने नामांकन पत्र में प्रथम भाग में नामांकन पत्र और हलफनामा में जिसमे रमेश बिंद ने अपने को बीजेपी प्रत्यासी बताया है लेकिन पेज 16 और 17 पर ऊपर दिए फॉर्म संक्षिप्त रूप से देना होता है वहां उन्होंने अपने को बसपा की प्रत्यासी बताया है ,माना जा रहा है कि लंबे समय से बसपा में रहने के बाद बीजेपी आने के कारण यह गलती उनसे हुई है हालांकि इस बार दलबदलुयो को हर दल ने टिकट देने कोई कमी नही की है
बसपा प्रत्यासी रंगनाथ ने पर्चा खारिज करने मांग की
बसपा के प्रत्यासी रंगनाथ मिश्र ने इस मामले में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है कर कहा है कि यह चुनाव आचार संहिता का उलंघन है यह गंभीर किस्म का मामला है इनका नामांकन निरस्त किया जाना चाहिए उन्होंने कहा इनके द्वारा नामांकन भारतीय जनता पार्टी से किया गया है लेकिन भाग ख में इन्होंने अपने को बसपा का प्रत्यासी बताया है यह मतदातायो को दिग्भर्मित करके वोट लेने के लिए किया गया है उन्होंने पर्चा खारिज करने की मांग करते हुए कहा किइसे लेकर रंगनाथ मिश्रा का कहना है कि अगर जिला निर्वाचन अधिकारी पर्चा रदद् नही करते तो वो न्यायालय की शरण मे जाएंगे।इन्होंने अपने आयकर का विवरण पांच वर्ष की जगह एक वर्ष का ही दिया है