विजय-वीरेंद्र की राजनीति में फंसा भदोही लोकसभा

भदोही 2014 से भदोही लोकसभा की राजनीति में बीजेपी के पर्याय बन चुके वीरेंद्र सिंह के बलिया जाते ही भदोही लोकसभा की सीट पर एका एक टिकट मांगने वाले कि संख्या में बढ़ गई ,2014 की मोदी लहर की जगह जातिगत समीकरण को साधकर चुनाव लड़ने बीजेपी की मजबूरी ने भदोही लोकसभा प्रत्यासी की का चुनाव बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है,
इस लोकसभा से टिकट मांगने वालों में मिर्जापुर के रमेश बिंद, बीजेपी के महेंद्र बिंद,के साथ एक निर्दलीय विजय मिश्र का नाम आता रहा कभी बीजेपी के प्रत्यासी के रूप में कभी तो निषाद बीजेपी के हो रहे गठबंधन के प्रत्यासी बनाये जाने को लेकर शहर में उनके समर्थकों द्वारा उन्हें हमेशा चर्चा में बनाये रखा, चुनाव के दो तीन माह पूर्व तक सांसद वीरेंद्र सिंह भी इस बात से अनभिज्ञ थे ब्राह्मण बहुल इस सीट पर ठाकुर और ब्राह्मण के बीच दूरी ना बने इसे लेकर विजय मिश्र सार्वजनिक मंचो पर लगातार मंच साझा करते रहे । लेकिन टिकट की दौड़ में वीरेन्द्र सिंह का पत्ता कटते ही बीजेपी के सामने इस सीट को लेकर चुनोती है पहले इस मंडल के दो सीट अपना दल के पास है वही इस जनपद बीजेपी के दोनों विधायक बीजेपी के मूल कैडर की जगह बसपा से आये है ऐसे में राजनीति समीकरण के साथ मूल कैडर वोट को बनाये रखना एक बड़ी चुनौती है। विजय मिश्र का नाम आते ही इस क्षेत्र में समीकरण बनने के आसार है

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