भदोही। भदोही में गठबंधन के बसपा प्रत्याशी के समर्थन जनसभा को संबोधित करने पहुंची बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला।
जनसभा को संबोधित करते हुए मायावती ने गठबंधन के बारे में कहा की भाजपा इसे तोड़ने के लिए पहले हमारे ऊपर नरम हाथ रखा और अखिलेश पर कड़क हाथ रखा पर मीडिया में हमने पोल खोल दिया। हमने जब मुहतोड़ जवाब दिया तो इनके दिमाग के पेच ढीले हो गए। अभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भदोही आए थे तो उन्होने कहा कि बहनजी ने ऐसे पार्टी से गठबंधन कर लिया जिसने बहनजी के बनाए संत रविदास नगर के नाम को बदल कर भदोही कर दिया। इस पर मै बताना चाहती हूं कि उस समय अखिलेश यादव पहली बार मुख्यमंत्री बने थे और राजनीति में नए थे। ब्यूरोक्रेसी का हाल आप जानते हैं, हो सकता है उनसे गलत फैसला हो गया हो लेकिन मैं पीएम से कहना चाहती हूं कि देश और प्रदेश में आपकी सरकार है तो आपने जिले के नाम बदलकर सन्त रविदास नगर क्यों नही कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जब गठबंधन की सरकार आएगी तब जिले का नाम बदलकर सन्त रविदास नगर कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा की ये गुरु और चेला ने अपने अच्छे दिन ले आये पर देश की जनता के लिए बुरे दिन ले आये। उन्होंने कहा ये गुरु चेला यानि नरेंद्र मोदी और अमित शाह अब केंद्र से जाने वाले हैं और यह गठबंधन इतना मज़बूत है की उत्तर प्रदेश से अगले विधान सभा से यही गठबंधन योगी बाबा को भी उनके मठ में वापस भेजने का काम करेगा।
वहीँ अखिलेश यादव ने कहा की हम मायावती के उस बात से पूरी तरह से सहमत है की जो भाजपा है, वही कांग्रेस है। भाजपा ने कहा नोट बंदी से आतंकवाद ख़त्म करेंगे। ये भाजपा वाले देश की सुरक्षा की बात करते है पर एक बी एस एफ के जवान की रोटी दाल का जवाब नहीं दे पाए तो देश की सुरक्षा क्या करेंगे। उन्होंने कहा इनके भाषण शौचालय से शुरू होकर शौचालय पर ख़त्म होते है। कहा यहाँ से कांग्रेस ने जिसे अपना उम्मीदवार बनाया वह आज कह रहा है की वह हमारा सम्मान करने को वहां अपने लोगों को समर्थन की बात करके भ्रम फैला रहा है। कहा अगर ऐसा ही था तो वह नेता जी मुलायम सिंह के खिलाफ भाजपा से क्यों चुनाव लड़ा था। अखिलेश ने कहा आज़ादी के बाद अगर कांग्रेस सही रास्ते पर चली होती तो आज सपा बसपा बनने की ज़रुरत नहीं थी। कहा किसी ने नहीं सोचा था की सपा -बसपा का गठबंधन हो सकता है, इसे तोड़ने की हर कोशिश फेल हो गई अब भाजपा के मनोबल भी टूट गए हैं। पांच चरणों के चुनाव के बाद भाजपा के होश उड़ गए है।