हमार भदोही में वक्ताओं ने रखे अपने विचार
भदोही। भदोही के 27 वें स्थापना दिवस पर ‘हमार भदोही’ द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा आयोग के सदस्य व काशी हिन्दू विश्वविद्या
लय समाजशास्त्र के प्रोफ़ेसर आर एन त्रिपाठी ने कहा की भदोही जनपद संभावनाओं से परिपूर्ण है। काशी-प्रयाग के मध्य का सेतु और मेरुदंड है। इस जनपद पर तीन तरफ से माँ गंगा की कृपा है। यहाँ कालीन का कोई भी कच्चा माल नही होता, लेकिन अपने श्रम से करोड़ो का कालीन का निर्यात होता है। उन्होंने भदोही की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहा की यहा की कालीन का उल्लेख अरेबियन नाइट्स में मिलता है। उन्होंने कहा की कोरोना के प्रकोप के बाद भदोही अपनी सृजनशीलता से अपनी गौरव गाथा फिर से लिखेगा। भदोही वासियों से कहा की विकास आलोचना नही से सहभागिता से होता है। सतत मिलजुलकर भदोही को आगे ले जाये।
कार्यक्रम में कालीन निर्यात संवर्धन परिषद् के अध्यक्ष सिद्धनाथ सिंह ने कहा की भदोही का कालीन के व्यापार में समस्यायों को दूर करने के लिए परिषद् लगातार प्रयास क़र रही है। समस्या का समाधान सभी के सहयोग से दूर हो सकता है। भवन निर्माण बोर्ड के सदस्य राजनाथ ने कहा की जनपद में भवन निर्माण।से जुड़े कारीगर इस योजना से जुड़ जाएं इस योजना में पंजीकृत हो जाये। इसमें सरकार द्वारा अनेक योजनाये चल रही जिसका लाभ उन्हें मिल सकेगा।
कालीन निर्यातक रवि पाटोदिया ने जनपद में कोरोना पर सावधानी पूर्वक ही रह अपने कार्य को आगे बढ़ाने के लिए कहा की भदोही लगातार विकास कर रहा है लेकिन इसे और तेज करने की जरूरत जो मिल जुलकर ही किया जा सकता है।
कालीन तकनीकी संस्थान के निदेशक आलोक जी ने कहा की कालीन उद्योग के विकास में भदोही का विकास निहित है। यह उद्योग जितना बढ़ेगा उतना हो लोगो को रोजगार मिलेगा। संस्थान कालीन उद्योग के लिए बेहतर मानव संशाधन देने का सतत प्रयास कर रहा है।
गाजीपुर स्नातकोत्तर महाविद्यालय की प्राचार्य और ज्ञानपुर केएनपीजी में दो दशक से अधिक कार्यरत रहीं प्रो. सविता भारद्वाज ने भदोही के शिक्षा की स्थितियों का अध्यन प्रस्तुत किया, यहां उच्च शिक्षा में तकनीकी को बढ़ावा देने की जरूरत है।
कालीन निर्यात संवर्धन परिषद् के प्रशासनिक समिति के सदस्य उमेश गुप्ता ने मुन्ना ने भदोही के रुकी हुई परियोजनाओं को जल्द पूरा करने की मांग की। कालीन निर्यात संवर्धन परिषद् के प्रशासनिक समिति के संजय गुप्ता ने कालीन को ब्रांड बनाने के लिए सरकार से मांग की। कालीन निर्यातक एकमा के सचिव आलोक बरनवाल ने भदोही की तमाम समस्याओं और उन्हें हल करने के लिए समाज का सहयोग माँगा। वही चार्टेड अकाउंटेंट अशोक ठुकराल ने हमार भदोही के सफर प्रकाश डालते कहा की हमार भदोही सबका है।
भदोही निवासी शिव सेना के संगठक और महाराष्ट्र में मंत्री आदित्य ठाकरे के हिंदी शिक्षक रहे विनय शुक्ला ने यहाँ से जाने वाले के दुःख दर्द को साझा किया। वही मुंबई से प्रशान्त त्रिपाठी ने कहा की यहाँ रोजगार और संसाधन नही होने से लोगो को महानगरो में जाना पड़ता है। जहा उन्हें तमाम जिल्लत और परेशानिया से दो चार होना पड़ता है, उन्होंने अपने गीत भी प्रस्तुत किये। मुंबई से जय शुक्ला ने विचार व्यक्त किया।
कार्यकर्म का संयोजन हमार हमार भदोही के संयोजक संजय श्रीवास्तव ने किया, सञ्चालन सह संयोजक संतोष गुप्ता , महेश जायसवाल ने किया।
कार्यकम में प्रमुख रूप लोगो ने विचार व्यक्त किया उत्तर प्रदेश एक्सपोर्ट प्रमोशन कौसिल के उपाध्यक्ष विनय कपूर , विष्णुकांत अग्रवाल, cepc के निदेशक संजय कुमार ,रामायण में जामवंत की भूमिका निभाने वाले राज शेखर उपाध्याय ,जफर हुसैनी , आसीस सिंह बघेल ,शैलेन्द्र दुबे , डॉ अजित गुप्ता ,निर्यातक, पियूष बरनवाल , इम्तियाज़ अहमद ,सुजीत जायसवाल, असफाक अंसारी ,इथी क्राफ्ट के हेड मयंक जी ,कालीन निर्यात संवर्धन परिषद् के पूर्व निदेशक शिव कुमार गुप्ता ,विनय शुक्ला ,प्रसान्त मनी त्रिपाठी ,धीरज पांडे भदोही और भदोही में से जुड़े महानगरो अपना नाम करने वाले तमाम लोगो ने अपने विचार व्यक्त किये।