भदोही- मायावती को से भदोही में कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे अमर नाथ से डर लग रहा है वो गठबंधन में दरार डाल रहे है गठबंधन के प्रचार में आये अखिलेश यादव और मायावती ने अपने चुनाव भाषण में रमाकांत यादव को ही निशाने पर रखा उन्हें अधिक खतरा कांग्रेस प्रत्याशी रमाकांत यादव से नजर आ रहा है। इस कारण को देखते हुए मंगलवार को हुई गठबंधन की जनसभा में बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कांग्रेस प्रत्याशी रमाकांत पर जम कर हमलावर रहे और आने वोटरों को आगाह करते हुए गठबंधन को वोट करने की अपील की। गठबंधन को लगता है कि अगर रमाकांत ने यादव वोटरों के साथ पिछडो को आपने पक्ष में कर लिया तो यहां गठबंधन को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसे देखते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भाषण के दैरान रमाकांत यादव पर जोर देकर हमलावर हुई और कहा कि श्री अखिलेश यादव को मालूम पड़ा कि आजमगढ़ यहां आया कांग्रेस का उम्मीदवार यह प्रचार कर रहा है कि उसने आजमगढ़ में अखिलेश यादव का समर्थन किया है इसलिए यहां से चुनाव लड़ रहा है। मैं कहना चाहती हूं की वो अखिलेश के इतने ही शुभचिंतक थे तो उन्हें किसी भी पार्टी से चुनाव नही लड़ना चाहिए था बल्कि आजमगढ़ में रह कर श्री अखिलेश यादव को चुनाव लड़ाना चाहिए था। इसलिए मुझे डाल में जरूर कुछ काला नजर आता है, भाजपा ने उसे जानबूझ कर कांग्रेस में भेज कर यहां से चुनाव लड़ाया है ताकि यादव समाज का वोट बंट जाय और गठबंधन में दरार पड़ जाय। इसलिए मेरा कहना है कि इस कुचक्र में न पड़ कर अपना वोट गठबंधन उम्मीदवार को देंने का काम करें। वहीं मायावती के रमाकांत ओर हमलावर होने के बाद अखिलेश यादव ने भी कोई कसर नही छोड़ी और बिना नाम लिए रमाकांत को आड़े हाँथ लेते हुए कहा कि की एक आजमगढ़ से भी यहां आए हैं लेकिन गठबंधन की मदद करो। यह चुनाव देश को बदलने वाला है। कोई कन्फ्यूजन मत रखना क्योंकि दूसरी पार्टी से आये लोग गठबंधन को कमजोर करना चाहते हैं। कहा कि आजमगढ़ से आने वाले को इतना ही मां सम्मान का ख्याल था तो वो नेता जी के सामने चुनाव क्यों लड़े थे। इस तरह के काम पहले अंग्रेज करते थे कि फूट डालो राज करो। उन्होंने अपने समर्थकों को सावधान रहते हुए यहां बसपा प्रत्याशी को वोट देने की अपील की। गौरतलब है कि पूर्व सांसद रमाकांत यादव आजमगढ़ से आकर भदोही से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने और उनकी पार्टी ने आजमगढ़ में अखिलेश यादव का समर्थन किया है। रमाकांत यहां लगातार यादवो और पिछडो के साथ अल्पसंख्यको को साधने में जुटे हैं। यहाँ ओ लाख से अधिक यादव मतदाता है ऐसे में गठबंधन के सामने इस वोट को बिखरने से रोकना एक चुनौती है।