भदोही लोकसभा- कांग्रेस से मैदान में उतरे रमाकांत, बसपा-सपा गठबंधन की बढ़ेंगी मुश्किलें
भदोही। आजमगढ़ से चार बार सांसद रहे पूर्वांचल के बाहुबली नेता रमाकांत यादव को कांग्रेस ने भदोही लोकसभा से मैदान में उतार कर पार्टी को मजबूत करने की कोशिश की है। रमाकांत को प्रत्याशी बनाये जाने से जहां भदोही की राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गयी हैं वहीं इससे बसपा-सपा गठबंधन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। माना जा रहा है कि अब भदोही में त्रिकोणीय लड़ाई देखने को मिल सकती है।
कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव में भी बाहरी प्रत्याशी सरताज इमाम को भदोही से चुनाव लड़ाया था लेकिन उस चुनाव में कांग्रेस बहुत कमजोर साबित हुई और उसे सिर्फ 22 हजार वोट ही मिले। उस चुनाव में जदयू प्रत्याशी तेज बहादुर यादव को कांग्रेस से अधिक वोट मिले थे। जबकि 2009 के चुनाव में कांग्रेस भले ही तीसरे स्थान पर रही हो लेकिन उसे 90 हजार से अधिक वोट मिले थे। लेकिन इस बार पूर्व सांसद रमाकांत पर दांव खेलना कांग्रेस को मजबूती प्रदान कर सकता है। माना यह भी जा रहा है कि गठबंधन के तहत बसपा की झोली में गयी इस सीट पर गठबंधन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं और यादव मतदाताओं का रमाकांत यादव की तरफ झुकाव देखने को मिल सकता है। वहीं रमाकांत को भदोही प्रत्याशी बनाये जाने पर भाजपा खेमें में चर्चा है कि इससे भाजपा को फायदा मिलेगा। अभी सीट पर जहां भाजपा ने अपने प्रत्याशी घोषित नही किये हैं तो बसपा ने भी लोकसभा प्रभारी रंगनाथ मिश्रा पर अंतिम मुहर नही लगाई है। कुल मिलाकर भदोही लोकसभा चुनाव की लड़ाई बहुत दिलचस्प हो गयी है और भाजपा से प्रत्याशी घोषित होने के बाद तस्वीर और साफ होगी।