पूर्व विधायक मधुबाला ने 22 वे दिन ग्रामवासियों के बीच किया आह्वान पत्र का वितरण

औराई विधान सभा की पूर्व विधायक श्रीमती मधुबाला पासी द्वारा लगातार 22वें दिन अपने समाजवादी नेताओं,सेक्टर प्रभारियों के साथ सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय श्री अखिलेश यादव जी के आह्वान पर ग्राम वासियों को आह्वान पत्र का वितरण भी किया। औराई विधान सभा के गोपपुर और अक्षवर के दर्जनों गांवों में दिवानपुर, जौहर, जखांव,बनका, फौदीपुर, सरई रजपुतानी,महदवां ,रामपुर में भ्रमण के दौरान जनता को बताया गया कि कैसे देश की सम्पत्ति कुछ अपने चहेते उद्योगपतियों को कौड़ी के भाव बेचने में व्यस्त हैं और भाजपा सरकार को दिनों दिन फैलाता हुआ कोरोना महामारी ,बढ़ते भ्रष्टाचार, बिजली कटौती, बढ़ती महंगाई, किसान की समस्या, बेरोजगार युवकों की समस्या,बढ़ता अपराध पर कोई चिंता नहीं है केवल भाजपा सरकार द्वारा कोरोना महामारी के दौरान लोगों का जान बचाने के बजाय निजीकरण व्यवस्था के बहाने पुनःरियासतीकरण लाने में लगी है। मात्र 70 साल में ही बाजी पलट गई। जहाँ से चले थे उसी जगह पहुंच रहे हैं हम। फर्क सिर्फ इतना कि दूसरा रास्ता चुना गया है और इसके परिणाम भी ज्यादा गम्भीर होंगे।
1947 जब देश आजाद हुआ था। उस समय
तकरीबन 562 रियासतों को आजाद भारत का हिस्सा बनाकर भारत के नाम से एक स्वतंत्र लोकतंत्र की स्थापना कीऔर फिर देश की सारी संपत्ति सिमट कर गणतांत्रिक पद्धति वाले संप्रभुता प्राप्त भारत के पास आ गई। धीरे धीरे रेल, बैंक, कारखानों आदि का राष्ट्रीयकरण किया गया और एक शक्तिशाली भारत का निर्माण हुआ । मात्र 70 साल बाद समय और विचार ने करवट ली है। फासीवादी ताकतें पूंजीवादी व्यवस्था के कंधे पर सवार हो भाजपा सरकार परिवर्तन पर उतारू है।
लाभ और मुनाफे की विशुद्ध वैचारिक सोच पर आधारित भाजपा सरकार देश को फिर से 1947 के पीछे ले जाना चाहती है।यानी देश की संपत्ति पुनः रियासतों के पास।लेकिन ये नए रजवाड़े होंगे कुछ पूंजीपति घराने और कुछ बड़े बडे राजनेता।भाजपा सरकार द्वारा निजीकरण की आड़ में पुनः देश की सारी संपत्ति देश के चन्द पूंजीपति घरानो को सौंप देने की कुत्सित चाल चली जा रही है। यदि ये अपने मंसूबे में सफल हो जाते हैं तो उसके बाद निश्चित ही लोकतंत्र का वजूद खत्म हो जाएगा। देश उन पूंजीपतियों के अधीन होगा जो परिवर्तित रजवाड़े की शक्ल में सामने उभर कर आयेंगे। शायद रजवाड़े से ज्यादा बेरहम और सख्त। यानी निजीकरण सिर्फ देश को 1947 के पहले वाली दौर में ले जाने की सनक मात्र है। जिसके बाद सत्ता के पास सिर्फ लठैती करने का कार्य ही रह जायेगा। सोचकर आश्चर्य कीजिये कि 562 रियासतों की संपत्ति मात्र चन्द पूंजीपति घरानो को सौंप दी जाएगी।ये मुफ्त इलाज के अस्पताल, धर्मशाला या प्याऊ नहीं बनवाने वाले।जैसा कि रियासतों के दौर में होता था। ये हर कदम पर पैसा उगाही करने वाले अंग्रेज होंगे।कुछ समय बाद नव रियासतीकरण वाले लोग कहेगें कि देश के सरकारी अस्पतालों, स्कूलों, कालेजों से कोई लाभ नहीं है अत: इनको भी निजी हाथों में दे दिया जाय तो जनता का क्या होगा ? भाजपा द्वारा जनता के हित में किये गये वादे पर विश्वास कर के देश और प्रदेश में सत्ता दी है न कि सरकारी सम्पत्ति मुनाफाखोरों को बेचने के लिए। अगर देश की आम जनता प्राइवेट स्कूलों और हास्पिटलों के लूटतंत्र से और इनके झुठे वादे और इनके मंसूबे को समझ गई है तो इनसे लड़ने के लिए सड़क पर उतरना ही होगा और इनको समय रहते सत्ता से बेदखल करना पड़ेगा क्यों कि देश को आजाद कराने के लिए बहुत देश भक्तों ने अपनी कुर्बानी दी है क्योंकि देश आजादी के समय से ही इनकी नियत ठीक नहीं थी।ये मजबूत लोकतांत्रिक व्यवस्था वाला भारत देश नहीं चाहते। हमने बेहतर व्यवस्था बनाने के लिए सरकार बनाई है न कि सरकारी संपत्ति मुनाफाखोरों को बेचने के लिए।भाजपा सरकार सुनियोजित योजना है कि पहले सरकारी संस्थानों को ठीक से काम न करने दो, फिर बदनाम करो, जिससे निजीकरण करने पर कोई बोले नहीं, फिर धीरे से अपने आकाओं को बेच दो जिन्होंने चुनाव के भारी भरकम खर्च की फंडिंग की है। उन्होंंने कहा याद रखिये पार्टी फण्ड में गरीब मज़दूर, किसान पैसा नही देता पूंजीपति देता है।और पूंजीपति दान नहीं देता, निवेश करता है।आज गांव गांव साइकिल और पैदल यात्रा करके जनता के बीच जनसम्पर्क करके सपा आह्वान का प्रचार प्रसार व जागरूक करने में नि.जिला सपा उपाध्यक्ष प्रमोद सिंह उर्फ कल्लू सिंह जी , पूर्व ब्लाक प्रमुख विकास यादव जी, श्याम यादव जी, महेन्द्र पासी, रामनरेश पाल,शिव मंगल बिन्द,सोहन बिन्द,संजय मौर्या,मोहम्मद आलम, गुलाब पासी, सूर्यबली यादव प्रधान जैसे वरिष्ठ सपा नेतागण और कार्यकर्ताओं ने सक्रिय भूमिका निभाई है।

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