उप्र : उड़ीसा से पैदल चल दस दिन में गाँव पहुँचे चार वनवासी

भदोही जिले के बारीपुर गांव में शनिवार को उड़ीसा से दस दिन पैदल चलकर चल कर सुकूरु और उसके चार साथी मनोज, राजेश और राजेंद्र शामिल है। सभी की उम्र 12 से 45 वर्ष के बीच है। उनके चेहरे पर थकावट साफ देखी जा रही थी।

सूचना पर पहुँची स्वस्थ्य टीम ने सभी की स्क्रीनिंग किया
संक्रमण जांच के लिए भेजा गया सभी को जिला अस्पताल

भदोही। लाकडाउन के दौरान गैर प्रान्तों से अपने गांव आने वाले कामगारों का सिलसिला लगातार जारी है। शनिवार को उड़ीसा से चार बनवासी मजदूर पैदल चलकर भदोही पहुंचे। उन्होंने यह यात्रा दस दिनों में पूरी की। जबकि उनके साथ 12 वर्ष का एक किशोर भी साथ था।800 किलोमीटर की यतारा के दौरान इन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन घर पहुचने की इच्छा शक्ति से यह थकान भारी यात्रा करके अपने घर पहुँचे सभी को जांच के लिए एमबीएस अस्पताल भेजा गया है।

भदोही जिले के बारीपुर गांव में शनिवार को उड़ीसा से दस दिन पैदल चलकर चल कर सुकूरु और उसके चार साथी मनोज, राजेश और राजेंद्र शामिल है। सभी की उम्र 12 से 45 वर्ष के बीच है। उनके चेहरे पर थकावट साफ देखी जा रही थी। गांव के जागरूक लोगों ने इसकी सूचना डीघ सीएचसी प्रभारी गुलाब शंकर यादव को दिया। जिसके बाद डॉ. गुलाब शंकर यादव नें बनवासियों का स्क्रीनिंग करवाई। स्क्रीनिंग करने के बाद चार वनवासियों को कोरोना जांच के लिये भदोही के एमबीएस अस्पताल भेज दिया गया।
डीघ चिकित्साधिकारी डॉ, गुलाबशंकर यादव गाँव वालों के इस जागरूकता की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कोरोना के इस संकटकाल में हमें अपने दायित्वों के प्रीति सतर्क रहना चाहिए। सामाजिक दूरी बनाकर रखनी चाहिए। अगर किसी को सर्दी, खांसी, जुकाम और अधिक बुखार है तो उसकी सूचना चिकित्सक या कोरोना नियंत्रण कक्ष को देनी चाहिए। गाँव में कोई परदेशी बाहर से आ रहा है तो उसकी सूचना अवश्य दें।

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