भदोही। भदोही लोकसभा चुनाव में विभिन्न दलों के साथ निर्दल प्रत्याशी नामांकन के बाद प्रचार प्रसार कर वोटरों को प्रभावित करने में जुट गए हैं। चुनाव में प्रचार प्रसार के कई माध्यम हैं जिसमे प्रमुख दल एक दूसरे से पीछे नही रहना चाहते लेकिन एक अगर देखा जाय तो भदोही लोकसभा में सोशल मीडिया पर बसपा और कांग्रेस प्रत्याशी के मुकाबले भाजपा प्रत्याशी काफी पीछे चल रहे हैं। लेकिन इस चुनाव में पार्टी ने तमाम ऐसे नेताओं को टिकट दिया है जिनकी सोशल मीडिया पर सक्रियता बेहद कम है और भदोही से भाजपा के प्रत्याशी रमेश बिंद का भी यही हाल ही कि वो अपने प्रतिद्वंद्वी से सोशल मीडिया और काफी पीछे हैं। सोशल मीडिया चुनाव में प्रचार का एक महत्तवपूर्ण माध्यम है लेकिन भाजपा प्रत्याशी रमेश बिन्द का फेसबुक खाता जिस तरह से निष्क्रिय है उससे भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है जबकि बसपा के रंगनाथ मिश्रा और कांग्रेस के रमाकांत यादव सोशल मीडिया और खासे सक्रिय हैं और उनके फेसबुक-ट्विटर खातों संचालित करने के लिए पेशेवरों की मदद ली जा रही है। वही उनके चुनाव प्रचार में लगातार सोशल मीडिया से जुड़े पेशेवर लोगो की टीम चल रही जो लगातार उनकी गतिविधिया update कर रही है ,उनके फेसबुक पेज पर अच्छे फोटोग्राफ के साथ विडियो भी आपको मिल जायेगे |
क्यों सक्रीय है सोशल मीडिया पर प्रत्यासी
लोकसभा चुनाव में में नए वोटरों ही करेगे प्रत्यासी की जीत और हार तय करेगे आंकड़ो पर गौर करे तो भदोही जनपद के तीन विधान सभा में कुल जनसँख्या 17 लाख 44 हजार है जिसमे 10 लाख 60 हजार मतदाता है जिसमे आधे से ज्यादा 5 लाख 57 हजार मतदाता 40 वर्ष से कम उम्र के है इसमे भी सबसे ज्यादा 18 से 29 वर्ष 28 फीसदी मतदाता है । वही 30 से 40 वर्ष के वोटर का प्रतिशत 25 फीसदी है। 40 से 50 वर्ष के वोटर 22 फीसदी है । कुल वोटर में 40 वर्ष से कम उम्र 54 फीसदी वोटर है जो किसी भी राजनीतिक दल की जीत पक्की कर सकते है इन मतदाताओ उपस्थिति सोशल मीडिया पर सबसे अधिक है।