अखाड़ा परिषद ने इस्कॉन संस्थापक प्रभुपाद जी को मिला विश्वगुरु की उपाधि
महाकुंभ में अखाड़ा परिषद ने इस्कॉन संस्थापक को दिया मरणोपरांत विश्व गुरु की उपाधि कुंभ त्रिवेणी संगम तट पर चल रहे महाकुंभ मेले के सेक्टर 9 स्थित निरंजनी अखाड़ा, कैलाशानंद गिरी जी महाराज के आश्रम में अखाड़ा परिषद् द्वारा इस्कॉन के संस्थापक आचार्य श्री अभय चरण भक्ति वेदांत श्रील प्रभुपाद को मरणोपरांत विश्व गुरु की उपाधि से विभूषित किया गया। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में श्रील प्रभुपाद की प्रतिमा पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूरी भव्यता के साथ पूजन किया गया। मंच पर विराजमान प्रतिमा अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष सहित सभी पदाधिकारियों ने पुष्प वर्षा कर पट्टाभिषेक कर अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों द्वारा जगद्गुरु की उपाधि का प्रमाण पत्र जारी किया। इस मौके पर अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवींद्र पुरी जी महाराज ने मौजूद साधु-संतों और श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रभुपाद जी का संपूर्ण जीवन गीता के प्रचार प्रसार में दिया उसको उन्होंने पूरी लगन के साथ विश्व स्तर पर पहुंचा है जिसके चलते आज एक बड़ा जैन समुदाय गीता के ज्ञान से अपने जीवन को नई दिशा दे रहा है मानो प्रांत उन्हें यह उपाधि दी गई है अब श्रील प्रभुपाद जी को विश्व गुरु के नाम से जाना जाएगा यह संत समाज के लिए बड़े हर्ष की बात है