हस्तनिर्मित कालीन उद्योग संकट: सांसद डॉ. विनोद कुमार बिंद के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने की केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात
नई दिल्ली। भदोही के सांसद डॉ. विनोद कुमार बिंद के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल तथा वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी से मुलाकात कर भारतीय हस्तनिर्मित कालीन उद्योग के सामने खड़े गंभीर संकट और तात्कालिक समाधान पर चर्चा की।
प्रतिनिधिमंडल में सीईपीसी अध्यक्ष श्री कुलदीप राज वाटल, एकमा अध्यक्ष रज़ा खान, सीईपीसी सदस्य असलम महबूब, पियूष कुमार बरनवाल, संजय गुप्ता, महावीर प्रताप शर्मा तथा ओबीटी प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक राजेश शर्मा शामिल रहे।
सांसद डॉ. बिंद ने बताया कि यह उद्योग 20 लाख से अधिक बुनकरों और कारीगरों की आजीविका से जुड़ा है, जिनमें अधिकांश ग्रामीण उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में रहते हैं। उन्होंने जोर दिया कि यह केवल व्यापार नहीं बल्कि ग्रामीण रोजगार, महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक धरोहर से भी जुड़ा मुद्दा है।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि अमेरिकी सरकार द्वारा हाल ही में अतिरिक्त टैरिफ लगाकर शुल्क लगभग 50% कर दिया गया है, जिससे निर्यातक परेशान हैं। इसके कारण ऑर्डर रद्द हो रहे हैं, बुनकरों की बेरोजगारी और ग्रामीण पलायन का संकट गहरा रहा है।
मुख्य मांगों में 20–25% का विशेष बेलआउट पैकेज, आयकर छूट, ड्यूटी ड्रॉबैक व RoDTEP दरों में वृद्धि, ब्याज समानता योजना को 5% तक बढ़ाना और धारा 43B(h) में 180 दिन की छूट शामिल है। साथ ही, तुर्की से आने वाले मशीन-मेड कालीनों पर उच्च शुल्क लगाने और हस्तनिर्मित कालीनों को अलग HSN कोड देने की भी मांग रखी
वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आश्वासन दिया कि सरकार सभी मुद्दों पर गंभीरता से विचार कर रही है और उद्योग को राहत देने के लिए त्वरित कदम उठाए जाएंगे। वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने भी वित्त संबंधी सभी समस्याओं पर सकारात्मक पहल का भरोसा दिलाया।